रांची
मानसून से पहले राहत की बड़ी पहल करते हुए झारखंड सरकार ने राज्य के 2.88 करोड़ राशन कार्डधारकों को जून, जुलाई और अगस्त—तीनों महीने का राशन अग्रिम देने का ऐलान किया है। यह निर्णय केंद्र सरकार के निर्देश पर लिया गया है, लेकिन राज्य सरकार की तत्परता ने इसे जमीन पर उतारने में निर्णायक भूमिका निभाई है।
खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने 1 जून से 30 जून तक तीन माह के राशन वितरण का आदेश जारी किया है। सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
राज्य के खाद्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने इसे गरीबों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता बताया। उन्होंने कहा, "हेमंत सोरेन जी की सरकार गरीबों की सरकार है। हम जवाबदेही के साथ काम कर रहे हैं और सुनिश्चित करेंगे कि किसी लाभुक को राशन से वंचित न रहना पड़े।"
मंत्री ने साफ कहा कि वह खुद वितरण व्यवस्था की निगरानी करेंगे। इसके लिए सभी डीएसओ और एफसीआई अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई जा रही है, जिसमें गोदामों की स्थिति, तीन माह के अनाज का भंडारण, लॉजिस्टिक्स और क्वालिटी कंट्रोल जैसे बिंदुओं पर ठोस निर्णय लिए जाएंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हर हाल में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अनाज की गुणवत्ता बनी रहे, वह सड़ा-गला न हो और हर जरूरतमंद को समय पर और पूरा राशन मिले। विभाग ने आपूर्ति शृंखला को पहले से ही सक्रिय कर दिया है ताकि आपदा या बाढ़ जैसी स्थिति में किसी गरीब को भूखा न रहना पड़े।
डॉ. अंसारी ने कहा, "हमारा हर निर्णय जनता के भरोसे को कायम रखने का प्रयास है। राहत सिर्फ घोषणा से नहीं मिलती, उसे ज़मीन पर उतारना पड़ता है—और हम उसी दिशा में काम कर रहे हैं।" इस फैसले के जरिए झारखंड सरकार ने न सिर्फ राहत पहुंचाने की तत्परता दिखाई है, बल्कि यह भी संदेश दिया है कि यहां शासन संवेदनशीलता और समर्पण के साथ चल रहा है—खासकर उन लोगों के लिए जिनकी थाली सबसे पहले खाली होती है।